पृथ्वी का ओजोन परत तूट जायेतो क्या होगा ? || ओजोन परत कैसे बनती है - All topic hindi

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पृथ्वी का ओजोन परत तूट जायेतो क्या होगा ? || ओजोन परत कैसे बनती है

पृथ्वी का ओजोन परत तूट जायेतो क्या होगा?
पृथ्वी पर का ओजोन परत क्या काम करता है?
ओजोन परत तूटने पर क्या हो सकता हैं?
ओजोन परत कैसे बनती है ?
Ozone Layer


ओजोन की क्षति से पड़ने वाले प्रभाव को जानने से पहले ये जान लेते है कि ओजोन क्या है इसका क्या उपयोग है ।

ओजोन परत कैसे बनती है ?

ओजोन गैस ऑक्सीजन के 3 अणुओं से मिलकर बनाती है

जब ऑक्सीजन (O) के अणु वातावरण की बिजली के संपर्क में आते है तो ऑक्सीजन के 3 अनु आपस मे मिलकर ओजोन के 1 अणु (O3) का निर्माण है । ओजोन का अणु ऑक्सीजन के अणु की तुलना में हल्का होने के कारण ऊपर की ओर चला जाता है , क्षोभमंडल के बाद 20 से 30km की ऊंचाई पर ये अणु एकत्र होकर एक परत का निर्माण करते है जिसे ओजोन परत कहा जाता है ।

ओजोन परत का कार्य - सूर्य से कई प्रकार की किरणें निकलती है जिनमे पराबैंगनी किरने भी होती है । ओजोन परत पृथ्वी के चारो ओर एक सुरक्षात्मक आवरण का निर्माण कर इन्ही हानिकारक पराबैंगनी किरणों को परावर्तित कर पृथ्वी तक आने से रोकती है ।


अब प्रश्न उठता है कि इसके प्रभाव का मानव या अन्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा , मैं यंहा कुछ सामान्य प्रभाव को ही लूँगा क्यूंकी इसका विस्तृत वर्णन लिखना संभव नही है -

ओजोन में कमी का प्रभाव - पराबैंगनी किरने अत्यंत हानिकारक किरणे है । ये किरणें मानव जीव जंतु के साथ साथ वनस्पतियों को भी बहुत हानि पंहुचाती है ।

इनके प्रभाव से मानव में चर्म का कैंसर, जो इससे होने वाला सबसे मामूली प्रभाव है , आंखों का अंधापन डीएनए आर एन ए में विकृति जिससे मानव शरीर किर्या में बाध्यता आदि प्रभाव होते है इसी प्रकार के प्रभाव जानवरो में भी उत्पन्न होते है।

पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से वनस्पतियों की वृद्धि रुक जाती है, पुष्पन प्रभावित होता है ,

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