General Knowledge
Stephen Hawking के बारे में कुछ चोका देने वाली बातें
आज में आपको स्टीफेन हॉकिंग के बारे में कुछ ऐसी जानकारियां देंगे तो शायद आप लोगों को भी इस महान शख्सियत का मुरीद बना देंगी तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं स्टीफेन हॉकिंग के बारे में।
स्टीफेन का जन्म 7 जनवरी 1942 में इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड शहर में हुआ था संयोग की बात यह है हॉकिंग का जन्म महान वैज्ञानिक गैलीलियो के जन्मदिन वाले दिन ही हुआ और हॉकिंग भी उनके जितने ही प्रतिभावान थे। बचपन से ही हॉकिंग अपनी उम्र के बच्चों से काफी आगे थे उनकी बौद्धिक क्षमता अपनी उम्र के बच्चों से कहीं ज्यादा थी। आप उनकी बुद्धिमता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बचपन में ही उन्होंने इधर उधर पड़े स्पेयर पार्ट से अपना खुद का कंप्यूटर बना दिया था। उनकी प्रतिभा को देखकर उनके दोस्त और संबंधी उन्हें आइंस्टाइन बुलाते थे और यह भी एक संयोग ही है कि जिस दिन उनकी मृत्यु हुई यानि 14 मार्च को अल्बर्ट आइंस्टाइन के जन्म की तारीख है।
जब वह 17 वर्ष के थे तब लगातार खराब होती सेहत से जूझ रहे थे हॉकिंग को पता चला कि वह एक लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हैं जिसका नाम न्यूरल मोटर डिजीज था एक ऐसे भी बीमारी थी जिसमें मांसपेशियों को नियंत्रण करने वाला तंत्रिका तंत्र इन्हें धीरे कमजोर पड़ जाता है और फिर नष्ट हो जाता है और धीरे धीरे मरीज अपंग हो जाता है। तब डॉक्टर्स का कहना था कि हॉकिंग के पास अब ज्यादा वक्त नहीं है वह दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे। लेकिन हॉकिंस की इच्छा शक्ति और कुछ कर गुजरने की चाहत ने उन्हें जिंदा रखा जिसे देखकर मेडिकल साइंस भी अचंभित है धीरे धीरे समय के साथ हॉकिंग का शरीर उनका साथ छोड़ रहा था और 21 साल की आयु में उनके शरीर का बायां हिस्सा पूरी तरह से पैरलाइज हो चुका था और कुछ दिनों बाद उन्हें वील चेयर का सहारा लेना पड़ा लेकिन उनकी यह वीलचेयर भी उन्हीं की तरह बेहद स्मार्ट थी यह वीलचेयर खासतौर पर हॉकिंग के लिए ही बनाई गई थी जो उनके मस्तिष्क उनकी आंखों और हातों की कंपन से पता लगा लेती है कि हॉकिंग क्या बोलना चाहते हैं। यों तो हॉकिंग ब्रिटिश हैं लेकिन उन्हें जो कृत्रिम आवाज दी गई है मैं अमेरिकन एक्शन में बात करती है और बहुत कम ही लोग यह जानते हैं कि उन्होंने अपने इस कृत्य आवाज को पेटेंट करवा रखा था।
हॉकिंग के अनुसार हमारे पृथ्वी अपने जीवन के आखिरी चरण पर पहुंच चुकी है और अगर इंसानों का बचाना है तो जल्द ही उन्हें स्पेस में अपने रहने की और कोई दूसरी जगह ढूंढ लेनी चाहिए। भौतिक विज्ञान और विज्ञान से जुड़ी कई किताबों में हॉकिंग का विशेष योगदान रहा है लेकिन बहुत ही कम लोग ही जानते हैं कि हॉकिंग ने बच्चों की एक किताब 'जॉर्जेस सीक्रेट टू द यूनिवर्स' भी लिखी है हॉकिंग कार्टून टीवी सीरीज सेंसर्स में कई बार दिखाई दिय है। इस कार्टून सीरीज के कई बार हॉकिंग को दिखाया गया था जिसके कारण अमेरिका के कई बच्चे उन्हें कार्टून कैरेक्टर समझते हैं एक मिकी माउस की तरह हैं हॉकिंग के अनुसार भगवान, स्वर्ग और नरक जैसी कोई चीज नहीं होती। उनके अनुसार हमारी को पृथ्वी एक बैंग से हुई है और बैंग से पहले समय का कोई अस्तित्व नहीं था उनका मानना था कि अगर इंसानों की उत्पत्ति में सृष्टि के रचयता वाली अवधारणा को अगर हटा भी दिया जाए तो भी साइंस की मदद से की उत्पत्ति को समझाया जा सकता है।
हॉकिंग की इस थ्योरी की वजह से उन्हें खासी आलोचना का भी सामना करना पड़ा था स्टीफन हॉकिंग का यह भी मानना था कि एलियंस हो सकते हैं क्योंकि हमारे ब्रह्माण में अनेको ग्रह और उपग्रह मौजूद है और हो सकता है वह ग्रह और उपग्रहों पर कोई रहता भी हो ऐसा जरूरी नहीं कि वह एलियंस दिखने में इंसानों जैसे या उनसे मिलते जुलते होंगे और शायद आकार में हम से दस गुना बड़े भी हो सकते हैं या फिर महज किसी सूक्ष्म जीव के साइज के हो। हॉकिंग का यहां तक मानना था ये जिस एलियन इनवेशन यानि परिग्रह आक्रमण की हम आशंका जताते आ रहे हैं पर कई साल पहले घटित हो चुकी हो। हो सकता है कि वह एलियंस हमारे पृथ्वी पर वायरस की शक्ल में आज भी मौजूद है। ऐसे ही कई दिलचस्प खोजें और थ्योरीज के रचयता स्टीफन हॉकिंग यू तो अब इस दुनिया में हमारे साथ नहीं हैं लेकिन उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि इंसान शरीर से अपंग हो सकता है लेकिन दिमाग से नहीं और इसी दिमाग की असीम इच्छा शक्ति की मदद से इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है।
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